इसके बाद अपनी उंगुलियों के पोरों को बच्चे की पीठ के ऊपरी हिस्से में रखें और हल्के दबाव के साथ धीरे-धीरे गोल घुमाते हुए पीठ के निचले हिस्से तक मालिश करें।
हम सभी जानते हैं कि नवजात शिशु के लिए मालिश कितनी जरूरी है लेकिन बहुत कम लोग ही इस बात से वाकिफ होते हैं कि शिशु के मालिश कब शुरू करनी चाहिए और मालिश करने की विधि क्या है।
और तीसरी बार आपको मसाज के दौरान और मसाज के बाद में अपने हाथों से अत्यधिक तेल हटाने के लिए तौलिये की जरूरत पड़ेगी।
तो आइये आपको बताते हैं मसाज क्या है, प्रकार, लाभ और करने के तरीके –
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उसके बाद कांच के जार में आपको पिसी हुई कलोंजी, और ये तेज़ गर्म आलिव ऑइल डाल देना होता है । और इसको अच्छी तरह बंद कर दें।
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हेयर मसाज के लिए हाथों की उंगलियों का इस्तेमाल करें। आराम-आराम से उंगलियों को सिर की त्वचा पर गोल-गोल घुमाएं। इससे सिर की त्वचा का रक्त परिसंचरण बढ़ेगा और बाल भी नहीं टूटेंगे। ध्यान रखें हेयर मसाज ज्यादा दबाव के साथ या रगड़ कर न करें। इससे आपके बालों को नुकसान पहुँच सकता है।
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